सबके मन मे नेटवर्किंग से रिलेटेड सवाल आता रहता है बहुत सारे लोग networking के बारे में जानना चाहते है इसलिए आज हम आपको कंप्यूटर नेटवर्किंग के बारे में पूरी detail के साथ जानकारी देंगे जिसमे हम नेटवर्क इसके components और बेसिक एलिमेंट्स के बारे में बताने वाले है. तो सबसे पहले networking क्या है इसे समझ लेते है.
Servers
Server network के core components होते है और ये डिफरेंट size एंड shapes में आते है. Servers का काम task को परफॉर्म करने के लिए जरूरी resources के लिए link provide करना होता है. Server client computer को कि वो क्या चाहते है और उसे पाने के लिए कहा जाए इस विषय मे दिशा बताते है. Servers 2 तरह के होते है और एक dedicated server और दूसरा non dedicated servers.
Dedicated server Network के लिए सर्विस देते है इसके अलावा कुछ नही. वही Non dedicated servers एक या उससे अधिक नेटवर्क सर्विस और लोकल एक्सेस देते है.
Workstation
Workstation वह network computer है जिस पर यूज़र्स अपना काम करते है. इनके काम के अंतगर्त - Email, database design, word processing और कोई अन्य कम्प्यूटर से रिलेटेड personal task शामिल होते है. Servers के साथ communicate करने के लिए वर्कस्टेशन को नेटवर्क interface card रखना होता है जिसे NIC भी कहा जाता है.
Resources
Resource network पर कोई आइटम की तरह है जो नेटवर्क पर उपयोग होती है. Resource item की एक बहुत बड़ी रेंज है जैसे - printer, file, application और disk storage.
Network को fully functional बनाने के लिए कंपोनेंट्स का होना जरूरी ही नही बल्कि इन सबका साथ करना भी बहुत जरूरी है.
Networking के प्रकार कोन से है
End devices (Hosts)
ये communication के sources और destination होते है कहने का मतलब है कि ये ऐसे device है जो मैसेज को generatकe, transmit या receive और interpret करते है. In डिवाइस से end users ज्यादा परिचित होते है. यह डिवाइस end user और नेटवर्क के बीच interface का काम करते है. इसके example कुछ इस तरह से है.
IP phone, Computer, Mobile phone, PDAs.
Intermediary (मध्यस्थ) devices
एक ऐसे डिवाइस होते है जो जुड़े हुए access देते है और host के मध्य मैसेज ट्रांसपोर्ट करते है. इसके example में आते है -: Hubs, switches, routers, modems, firewalls.
Transmission Media
Transmission media ऐसे physical media होते है जो devices को आपस मे जोड़ कर उनमें मैसेज के आदान-प्रदान को संभव बनाते है. ये वायर के रूप में हो सकते है इसके अलावा ऑप्टिकल फाइबर केबल या रेडियो लिंक जैसे wireless भी हो सकते है.
Messages
ऐसी application होती है जिसमे टेलीफोन calls, ईमेल और वेब pages आते है.
Processes
यह एक ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो network devices पर communication फंक्शन को सपोर्ट करते है और, एन्ड यूज़र्स को सर्विसेस देते है. Services की tulna में प्रोसेसेस एन्ड यूजर को transparent बनाते है.
Services
Services network aware software application (web browser) होती है जो कुछ services (World wild web) की मदद से end यूजर की ऍप्लिकेेेन कि मदद से end user की application को पूरा करने के लिए नेटवर्क resources (data) Request करती है.
उम्मीद करते है कि आपको नेटवर्किंग का ये पोस्ट अच्छा लगा होगा अव अगर पोस्ट पसंद आया है तो इसके लिए शेयर तो बनता है तो दोस्तो फटाफट से इसे शेयर करे.
Networking in hindi
Computer world में नेटवर्किंग का मतलब 2 या 2 से अधिक कंप्यूटिंग डिवाइस को डेटा ट्रांसमिशन के लिए एक दूसरे से जोड़ना है. नेटवर्क Computer हार्डवेयर और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के मिश्रण से बनता है. Network पर devices एक group communication की मदद से डेटा और information को एक दूसरे के साथ शेयर करते है. नेटवर्क में डिवाइस particular address होते है को data भेजा जाए तो वह केवल उसी पर्टिकुलर एड्रेस वाले डिवाइस के पास जाए न कि कही और चल जाये.Components of Networking in हिंदी
Mostly छोटे और बड़े सब्जी तरह के नेटवर्क्स 3 components - servers, workstation और resources से बने होते हैServers
Server network के core components होते है और ये डिफरेंट size एंड shapes में आते है. Servers का काम task को परफॉर्म करने के लिए जरूरी resources के लिए link provide करना होता है. Server client computer को कि वो क्या चाहते है और उसे पाने के लिए कहा जाए इस विषय मे दिशा बताते है. Servers 2 तरह के होते है और एक dedicated server और दूसरा non dedicated servers.
Dedicated server Network के लिए सर्विस देते है इसके अलावा कुछ नही. वही Non dedicated servers एक या उससे अधिक नेटवर्क सर्विस और लोकल एक्सेस देते है.
Workstation
Workstation वह network computer है जिस पर यूज़र्स अपना काम करते है. इनके काम के अंतगर्त - Email, database design, word processing और कोई अन्य कम्प्यूटर से रिलेटेड personal task शामिल होते है. Servers के साथ communicate करने के लिए वर्कस्टेशन को नेटवर्क interface card रखना होता है जिसे NIC भी कहा जाता है.
Resources
Resource network पर कोई आइटम की तरह है जो नेटवर्क पर उपयोग होती है. Resource item की एक बहुत बड़ी रेंज है जैसे - printer, file, application और disk storage.
Network को fully functional बनाने के लिए कंपोनेंट्स का होना जरूरी ही नही बल्कि इन सबका साथ करना भी बहुत जरूरी है.
Networking के प्रकार कोन से है
Basic elements of computer networks
End devices (Hosts)
ये communication के sources और destination होते है कहने का मतलब है कि ये ऐसे device है जो मैसेज को generatकe, transmit या receive और interpret करते है. In डिवाइस से end users ज्यादा परिचित होते है. यह डिवाइस end user और नेटवर्क के बीच interface का काम करते है. इसके example कुछ इस तरह से है.
IP phone, Computer, Mobile phone, PDAs.
Intermediary (मध्यस्थ) devices
एक ऐसे डिवाइस होते है जो जुड़े हुए access देते है और host के मध्य मैसेज ट्रांसपोर्ट करते है. इसके example में आते है -: Hubs, switches, routers, modems, firewalls.
Transmission Media
Transmission media ऐसे physical media होते है जो devices को आपस मे जोड़ कर उनमें मैसेज के आदान-प्रदान को संभव बनाते है. ये वायर के रूप में हो सकते है इसके अलावा ऑप्टिकल फाइबर केबल या रेडियो लिंक जैसे wireless भी हो सकते है.
Messages
ऐसी application होती है जिसमे टेलीफोन calls, ईमेल और वेब pages आते है.
Processes
यह एक ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो network devices पर communication फंक्शन को सपोर्ट करते है और, एन्ड यूज़र्स को सर्विसेस देते है. Services की tulna में प्रोसेसेस एन्ड यूजर को transparent बनाते है.
Services
Services network aware software application (web browser) होती है जो कुछ services (World wild web) की मदद से end यूजर की ऍप्लिकेेेन कि मदद से end user की application को पूरा करने के लिए नेटवर्क resources (data) Request करती है.
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